तेलंगाना विधानसभा चुनाव: KCR की मुसीबतें बढ़ाने का काम करेगी बहन शर्मिला और AIMIM ने की 9 सीटों पर लड़ने की घोषणा

By: Shilpa Fri, 03 Nov 2023 5:17:53

तेलंगाना विधानसभा चुनाव: KCR की मुसीबतें बढ़ाने का काम करेगी बहन शर्मिला और AIMIM ने की 9 सीटों पर लड़ने की घोषणा

हैदराबाद। आंध्रप्रदेश के सीएम वाई एस जगनमोहन रेड्डी की बहन और वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (YSRTP) की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान किया। शर्मिला ने कहा कि वाईएसआर तेलंगाना पार्टी राज्य में 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी और कांग्रेस का समर्थन करेगी। वहीं दूसरी ओर तेलगांना विधानसभा चुनाव को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार (3 नवंबर) को बड़ा ऐलान किया। ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य की नौ सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

अविभाजित आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी की बेटी शर्मिला ने मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाले बीआरएस के “भ्रष्ट और जनविरोधी शासन” को समाप्त करने के लिए कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जब राज्य में सत्ता परिवर्तन की संभावना हो तो वह सरकार विरोधी वोटों को बांटकर बाधा नहीं बनना चाहेंगी।

हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने प्रेस कॉनफ्रेंस कर कहा कि जिन सात सीटों का उनकी पार्टी अभी प्रतिनिधित्व करती है, उनके अलावा एआईएमआईएम राजेंद्रनगर और जुबली हिल्स सीट पर चुनावी मैदान में उतेरगी। ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन को चंद्रायनगुट्टा सीट से टिकट दिया गया है।

चुनाव आयोग के मुताबिक, एआईएमआईएम 2018 के विधानसभा चुनाव में आठ सीटों पर लड़ी थी। इसमें से सात सीटों पर जीतने में सफल रही।

असदुद्दीन ओवैसी ने क्या कहा?


ओवैसी ने आगे कांग्रेस और भाजपा पर भी जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राहुल गांधी को भी राम मंदिर लेकर जाना चाहिए है। कांग्रेस आरएसएस की मां है। राज्य की 119 सीटों के लिए एक ही चरण में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव है।

इस समय तेलंगाना में केसीआर के नेतृत्व में भारत राष्ट्र समिति (BRS) की सरकार है।

वाईएस शर्मिला ने की थी सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी से मुलाकात

गौरतलब है कि, वाईएस शर्मिला ने पिछले महीने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने दावा किया था कि बैठक में चर्चा महत्वपूर्ण रही और उन्होंने केसीआर को हार की चेतावनी दी। दिल्ली यात्रा के बाद उन्होंने कहा, “मेरे सारे प्रयास तेलंगाना के लिए हैं। मैं लोगों की स्थिति में सुधार के लिए सब कुछ कर रही हूं, ताकि तेलंगाना के गठन से उन्हें फायदा हो।”

जगन मोहन रेड्डी की बहन शर्मिला ने कहा कि उनकी पार्टी ने राव के नेतृत्व वाले बीआरएस के भ्रष्ट और जनविरोधी शासन को खत्म करन के लिए बलिदान देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘कई सर्वेक्षणों और ग्राउंड रिपोर्टों के अनुसार, यह महसूस किया गया है कि विधानसभा चुनावों में हमारी भागीदारी का कई निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस के वोट शेयर पर सीधा असर पड़ेगा। इसलिए, वाईएसआर तेलंगाना पार्टी ने तेलंगाना विधानसभा में चुनाव नहीं लड़ने का बलिदान देने का फैसला किया है। मैं राज्य के व्यापक हित में और लोगों के बड़े हित को सुनिश्चित करने के लिए यह महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए तैयार हूं।’

कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी की बेटी शर्मिला ने वाईएसआर परिवार, या ‘राजन्ना राज्यम’ को तेलंगाना में लाने के लिए 2021 में वाईएसआरटीपी की शुरुआत की, जिसमें वह और उनकी पार्टी दोनों चुनावी रूप से अप्रशिक्षित हैं। हालांकि, राज्य में अपनी मौजूदगी दर्ज करने के लिए वह 3,800 किलोमीटर की राज्यव्यापी पदयात्रा पर निकलीं।

तेलंगाना विधानसभा चुनाव में इस बार कई बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। तेलंगाना विधानसभा चुनाव में हार का सामना कर चुके भाजपा के दो मौजूदा सांसदों, जी किशन रेड्डी और के लक्ष्मण को 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने से परहेज किया गया है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए 35 उम्मीदवारों की सूची जारी की, इस सूची में दोनों नेताओं के नाम नहीं हैं। तेलंगाना में 30 नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजे 3 दिसंबर को घोषित होंगे।

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